आगरा: पुलिस की साइबर सेल ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार करके दूसरे के नामों पर लोन लेने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग के चार सदस्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए। गैंग का सरगना मयंक शर्मा सहित चार आरोपी फरार हैं। गैंग में बैंक मैनेजर, एफआई एजेंट, प्रधानाचार्य, सहायक अध्यापक आदि भी शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से तीन लग्जरी गाड़ियां और दो दोपहिया वाहन बरामद किए हैं। ये गैंग आईडीएफसी, एचडीएफसी, यस बैंक, फुलाट्रॉन फाइनेंस कंपनी, इंडिया बुल्स और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से फर्जी दस्तावेज लगाकर हाउसिंग, वाहन और निजी लोन लेकर दो करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके है।
आगरा के देवरी रोड स्थित नगला टेकचंद निवासी गौरव सिंह और नगला पृथ्वीनाथ के गौरव राज ने कुछ समय पहले लोन के लिए आवेदन किया था। लेकिन बैंक ने उनकी सिविल स्कोर खराब बताई और कहा कि आपके नाम से पहले से ही लाखों रुपये के लोन है। इस कारण लोन नहीं मिला। दोनों ने आईजी ए. सतीश गणेश से शिकायत की। आईजी ने एसपी आरए प्रमोद कुमार, एएसपी सौरभ दीक्षित के नेतृत्व में रेंज साइबर सेल और साइबर क्राइम थाना की टीम से जांच कराई। पुलिस जांच में पता चला कि आगरा में फर्जी दस्तावेजों से लोन लेने वाला गैंग सक्रिय है। गैंग के सदस्य और सरगना किसी भी व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड, पहचान पत्र, परिचय पत्र सहित अन्य दस्तावेज की मदद से वाहन, गृह और निजी लोन लेते हैं। इससे उन्हें लोन चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पैन कार्ड और आधार कार्ड पर दूसरे व्यक्ति का फोटो लगाते हैं। ऐसे ही गैंग के चार आरोपियों को पकड़ लिया।
गैंग के सरगना सहित चार आरोपी फरार हैं। वहीं बैंक और फाइनेंस कंपनी से जुड़े आठ लोगों के नाम सामने आए हैं। साक्ष्य जुटाने के बाद इनकी गिरफ्तारी की जाएगी। मयंक सात साल से धोखाधड़ी कर रहा है। अब तक तकरीबन दो करोड़ के लोन की जानकारी मिली है।