आगरा। आगरा दिल्ली रोड पर सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर में तीन दिनी लेदर, फुटवियर कॉम्पोनेंट एवं टेक्नोलॉजी फेयर मीट एट की शुरुआत आज से होगी। इस बार आयोजन में विशेष रूप से ताइवानी मशीनों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस देश का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा। अत्याधुनिक तकनीकों और उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ भारतीय व्यापारियों और निर्माताओं के साथ व्यापारिक संबंध पर चर्चा होगी। विशेष रूप से सिंथेटिक फुटवियर के उत्पादन एवं विपणन पर चर्चा होगी। स्पेन का भी दल आने जा रहा है।वर्ष 2007 में शुरू हुए इस फेयर का यह 16वां संस्करण है। इस बार भी पूर्व आयोजनों की तरह 196 स्टॉल हैं। सात हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में इनको लगाया गया है।
आगरा फुटवियर मैन्यूफैक्चरर्स एक्सपोर्टर्स चैंबर के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि इस बार मशीनरी पर फोकस रहा है। ऐसे निर्माता आ रहे हैं, जो इस सेक्टर के लिए गुणवत्ता युक्त एवं उचित दर वाली मशीनें मुहैया कराते हैं। इसके साथ ही फुटवियर कॉम्पोनेंट की मुश्किलों के हल के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। लगभग तीन दर्जन देशों का प्रतिनिधित्व इस बार होने जा रहा है। इस प्लेटफॉर्म ने न केवल स्थानीय निर्माताओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर दिया है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापारिक संपर्कों को बढ़ाने में मदद कर रहा है।वर्तमान में फुटवियर निर्माताओं के लिए यह फेयर अहम आयोजन बन चुका है। न केवल यह भारत के फुटवियर उद्योग के लिए एक प्रमुख मंच है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसकी प्रतिष्ठा लगातार बढ़ती जा रही है। इस फेयर के माध्यम से न केवल नवीनतम उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन होगा, वैश्विक व्यापार नेटवर्क को सशक्त करने में भी मदद मिलेगी।
तीन दिन तक चलने वाले इस फेयर का समय सुबह 10 से शाम छह बजे तक रहेगा। फेयर का शुभारंभ उ.प्र. लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग और एलएसएससी के अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन करेंगे। इसके बाद निर्यात में उत्कृष्टता के लिए अवार्ड दिए जाएंगे।अभी तक लेदर फुटवियर के उत्पादन में निर्यात में दखल दे रहे आगरा में आने वाले दिनों में सिंथेटिक फुटवियर का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा। इसके लिए ताइवान सहित उन देशों का सहयोग लिया जाएगा जो इस तकनीक में आगे हैं।
एफमेक सदस्यों का दावा है कि आगरा का निर्यात का कुल टर्नओवर तीन साल के अंदर दोगुना होगा। यह संभव होगा फुटवियर पार्क की बदौलत। इसको बहादुरगढ़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। ऐसा नहीं कि आगरा को खरीदार तलाशने होंगे। विश्व में सिंथेटिक फुटवियर की तुलना में लेदर का टर्नओवर दस फीसदी ही है। इस लिहाज से सर्वाधिक बिक्री वाला फुटवियर सिंथेटिक का ही है। घरेलू आपूर्ति के लिए तैयार होने वाले फुटवियर में 65 फीसदी सिंथेटिक ही है। तैयारी पूरी है, काम को आगे बढ़ाना भर है।
आने वाले दिनों में आगरा में आक्रामक स्तर पर फुटवियर की ब्रांडिंग होने जा रही है। यहां आने वाले लोगों को अहसास दिलाया जाएगा कि वे शू सिटी में हैं। शहर के प्रत्येक चौराहे को जूता कंपनियां गोद लेंगी। फुटवियर के मॉडल, अवयव, उससे संबंधित तकनीक एवं डिजाइन का प्रदर्शन किया जाएगा। चार वाहनों का ऑर्डर दिया गया है। इनको फुटवियर के आकार में तैयार कराया जा रहा है। फुटवियर की उत्पत्ति आगरा से हुई थीफुटवियर के आकार में तैयार वाहनों को स्मारकों के आसपास ऑपरेट कराया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि फुटवियर की उत्पत्ति आगरा से हुई थी। इस लिहाज से आगरा को फुटवियर कैपीटल के रूप में प्रमोट किया जा रहा है। यहां उनको बताया जाएगा कि किस तरह फुटवियर को जीआई टैग मिलने की वजह से आगरा वालों को इस ट्रेड में स्थानीयता का बड़ा फायदा मिलने जा रहा है।
भारत में निवेश, उद्योग के लिए भूमि अधिग्रहण, वित्त प्रबंधन, उद्यम पूंजी, एमएसएमई एक्सचेंज, जोखिम प्रबंधन आदि पर चर्चा होगी। आयोजन के संयोजक गोपाल गुप्ता हैं। सहयोग कैप्टेन एएस राना, राजेश सहगल, प्रदीप वासन, ललित अरोडा, सुधीर गुप्ता, अशोक अरोरा, सीएलई के आरके शुक्ला का रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि यह फेयर अपने मकसद में सफल हो चुका है। जिस तरह से इसमें प्रतिभागियों का रिपीटेशन औसत 55 फीसदी से भी ज्यादा है। यह अपने आप में सिद्ध करता है कि इसके प्रदर्शक यहां बार बार आना चाहते हैं। आयोजकों ने कहा कि उनकी कोशिश है कि विदेशी प्रदर्शकों की संख्या को बढ़ाएं।