आगरा (रोमा): ताजनगरी की आबोहवा अब सांस लेने लायक नही रह गई है। आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसको देखते हुए सोमवार को जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने दिवाली पर आतिशबाजी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही दिपावली के त्योहार पर शहर में लगनी वाली आतिशबाजी की दुकानें भी पहली बार नहीं लगेंगी। दो दिन पहले जारी हुए अस्थाई आतिशबाजी लाइसेंस भी जिला प्रशासन ने फिलहाल स्थगित कर दिए हैं।
ताजनगरी में रविवार को वायु प्रदूषण का स्तर ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 458 पर पहुंच गया था। आगरा शहर गैस चैंबर में तब्दील हो गया हो यानि यहां की आबोहवा सांस लेने लायक नही रह गई है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया एनजीटी ने पटाखों पर रोक के आदेश दिए थे। पहले से ही दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान में रोक लागू है। अब आगरा में भी दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। इस बारे में जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को अवगत कराया है, आदेश मिलते ही सख्ती शुरू हो जाएगी।
शहर में कॉर्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा सबसे ज्यादा बढ़ी। जहरीली गैसों की मात्रा में शनिवार को शाम 4 बजे के बाद एकाएक उछाल आना शुरू हुआ और देर रात 12 बजे धूल कणों की मात्रा 500 के पार पहुंच गई, जो रविवार को बनी रही। इसका मुख्य कारण शहर में जगह- जगह हो रही सड़कों की खोदाई को माना जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई सूची में रविवार को आगरा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं गाजियाबाद दूसरे और भिवाड़ी तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। बता दें कि देश के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में 5 शहर उत्तर प्रदेश के हैं।
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एसएन मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
वहीं ट्रेडर एंड इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव के विनय अग्रवाल ने कहा कि पटाखा पाबंदी पर एनजीटी को व्यवहारिक आदेश पारित करना चाहिए। व्यापारियों का पैसा लग चुका है, इससे व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। वैसे ही व्यापारी का कोरोना की मार झेल रहा है। सरकार को अध्यादेश लाकर एनजीटी का आदेश निरस्त करना चाहिए।