आगरा व्यापार

खाद्य प्रसंस्करण के विकास को लेकर होगा संगठित प्रयास

  • चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक में हुई दो वर्ष के कार्यकाल की योजनाओं पर चर्चा, आगरा में फूड पार्क निर्माण पर रहेगा जोर
  • अनछुए उद्याेगों को शहर में करेंगे स्थापित, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान पर ध्यान
  • वर्ष में एक बार लगाया जाएगा भव्य मेला, नये उद्यमियों को मिलेगा प्रोत्साहन, ट्रेडमार्क के लिए भी बढ़ाएंगे उद्यमियों का रुझान
  • आगरा के खाद्य प्रसंस्करण को रेडी टू ईट फॉर्मेट पर ले जाने का भी प्रयास

आगरा। भाेजन की गुणवत्ता और विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध ब्रज क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण पर ही जोर नहीं दिया जाता। पूरे विश्व का ध्यान ब्रज के भाेजन और इससे जुड़े उद्योग पर जाए इसके लिए चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन हर संभव प्रयास करेगा। ये मुख्य बिंदु रखा गया चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन (सीएफपीआईए) की कार्यकािरणी बैठक में। गुरुवार को वाटरवर्क्स स्थित होटल अतिथिवन में चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक आयोजित की गयी। भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ बैठक आरंभ हुई।

बैठक का एजेंडा रखते हुए अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने पहली कार्यकारिणी बैठक में दो वर्ष के कार्याें की सूची तय की। उन्होंने कहा कि आगरा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के प्रोत्साहन के लिए फूड पार्क का निर्माण पर पूरा जोर रहेगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से हर संभव संवाद और सहायता ली जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े व्यापारियों में प्रदूषण और अग्निशमन के नियमों की जागरुकता को लेकर प्रचार प्रसार अभियान चलाए जाएंगे।

महासचिव अनुज सिंघल ने कहा कि संबंधित उद्याेग से जुड़ी केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों को हर व्यापारी तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों में रोजमर्रा में आ रहीं समस्याओं के निवारण के लिए कदम उठाए जाएंगे। सरकार से तालमेल बनाकर नीतियों और खाद्य सुरक्षा के नियमों को व्यवाहरिक बनाने का प्रयास होगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिपुदमन सिंह ने बताया कि वर्ष में एक भव्य मेले के माध्यम से आगरा के व्यापारियों को और सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही नये उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जोड़ने का मंच प्रदान किया जाएगा।

आगरा में चावल और दाल मील, आलू और उससे जुड़े उत्पाद, जैम और जैली जैसे उत्पादों को बढ़ावा देना कार्य योजना में शामिल रहेगा साथ ही नई इकाइयों की स्थापना कराना संगठन का प्रमुख कार्य रहेगा। वैश्विक बाजार के हिसाब से सभी पारंपरिक व नये उद्योगों को रेडी टू इट फारमेट पर ले जाने का प्रयास भी किया जाएगा।दो वर्ष की कार्य योजनाओं पर चिंतन मनन के बाद विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी। जिसके अन्तर्गत इंजीनियर उमेश शर्मा ने विभिन्न उद्योगों के लिए प्रदूषण विभाग की नियमावलियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उद्योग की संरचना के अनुसार प्रदूषण विभाग की एनओसी होती है। नये उद्योग स्थापित करते समय प्रदूषण के स्तर को अवश्य देखें। लघु उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार से मिलने वाली सुविधा, सब्सिडी आदि के बारे में सीए नितेश गुप्ता ने जानकारी दी।

सीए अनुज अशाेक ने ट्रेडमार्क और कॉपीराइट की विशेषता और महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि जरा सी सजगता से विश्व बाजार में आपका प्रोडक्ट ब्रांड बन सकता है। मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल ने कहा कि संगठन द्वारा किये जा रहे प्रयासों से आने वाले समय में आगरा का फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का हब बनेगा। भविष्य में पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नये उद्यमियों को अवसर प्राप्त होंगे।

इस अवसर पर संरक्षक सीता राम अग्रवाल, उपाध्यक्ष तरुण अग्रवाल, आशीष गर्ग, उत्कर्ष अग्रवाल और नितिन गोयल, सचिव शैलेष अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, विवेक अग्रवाल और सिद्धार्थ अग्रवाल, सलाहाकार समिति के सदस्य राहुल जैन, एडवोकेट अभिनव रस्तोगी, कार्यकारी सदस्य राजेश गोयल, अमित अग्रवाल, गगन मित्तल, अभिषेक चौरसिया, वेदपाल धर, राजेश अग्रवाल, अतुल बंसल, अशाेक लालवानी, संदीप रस्तोगी, मनीष अग्रवाल, महावीर मंगल आदि उपस्थित रहे।