आगरा: विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई पर निर्मित लगभग नौ किमी लंबी अत्याधुनिक ‘अटल टनल’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके साथ रोहतांग से लद्दाख तक पहुंचने की दूरी करीब 46 किमी कम हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर में बनाई गई ‘अटल टनल’ से आगरा का भी कनेक्शन है।
अटल टनल के निर्माण में आगरा के शमसाबाद रोड निवासी रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने अमूल्य योगदान रहा है। थल सेना के लिए अत्यंत उपयोगी इस प्रोजेक्ट को बनाने में आगरा के ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टनल बना रही कार्यदायी संस्था ने सैरी नाले के करीब अत्यंत कठिन 700 मीटर के रास्ते की वजह से काम रोक दिया था। उसने एक अन्य मार्ग से टनल बनाने की रूपरेखा तैयार कर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आरएम मित्तल को प्रस्ताव भेजा था। बीआरओ में चीफ इंजीनियर रहे ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने उस समय अपनी सूझ-बूझ से कार्यदायी संस्था के प्रस्ताव का विरोध किया। अन्य रास्ते से टनल बनाने पर देश पर करीब 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता। इसके बाद ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक व देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात कर सुरंग को सैरी नाले से ही बनाने की योजना मंजूर करवाई। इससे देश की एक हजार करोड़ रुपये की बचत हो गई।
ब्रिगेडियर मनोज कुमार के इस योगदान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच आगरा चैप्टर द्वारा उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। शहर की करीब 25 संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने ब्रिगेडियर मनोज कुमार को सम्मानित किया। बता दें कि इस अटल टनल को बनाने में करीब 4000 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस टनल के बन जाने के बाद 2 से 3 घंटे की दूरी को मात्र 20 मिनट में पूरा किया जा सकता है।