आगरा: किसान आंदोलन में किसानों के साथ दिल्ली जा रहीं नर्मदा बचाव आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर को आगरा में राजस्थान- यूपी बॉर्डर पर रोके जाने पर आगरा-ग्वालियर हाईवे पर बुधवार रात से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। गुरुवार सुबह भी किसान हाईवे से नहीं हटे। इससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया। सूचना मिलने के बाद आगरा और धौलपुर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंच गए।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी से ग्वालियर होते हुई बुधवार रात मेधा पाटकर आगरा-धौलपुर सीमा पर पहुंची थीं। 11 जनवरी को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से शुरू हुई जनाधिकार यात्रा का मेधा पाटकर नेतृत्व कर रही हैं। आगरा होते हुए उन्हें दिल्ली कूच करना था। वहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना है। मेधा पाटकर के साथ जनाधिकार यात्रा में कई किसान हैं। पुलिस द्वारा रोके जाने पर मेधा पाटकर के नेतृत्व में सैकड़ों किसान बुधवार रात से धरने पर बैठे हैं। गुरुवार दोपहर को पुलिस के समझाने पर किसानों ने एक घंटे के लिए हाईवे की एक लेन खोल दी। राजस्थान के धौलपुर और आगरा के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया था।
वहीं मेधा पाटकर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के विरोध में और अंबानी, अडानी और जिंदल के पक्ष में तीन-तीन कानून कैसे ला सकती है? संविधान दिवस के अवसर पर ही आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपनी सीमा से हमें आगे जाने दे। आगे जो भी होगा मंजूर है।
इस वक्त जिलाधिकारी धौलपुर राकेश जैसवाल, पुलिस अधीक्षक धौलपुर केशव सिंह, एसपी देहात आगरा रवि कुमार, एसडीएम खेरागढ़ अंकुर कौशिक, सीओ खेरागढ़, सीओ अछनेरा के साथ कई सर्किल के थानों का पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। अधिकारियों के समझाने के बाद कई घंटे बाद जाम खोल दिया गया, लेकिन फिर एक घंटे खुलने के बाद हाईवे पर फिर जाम लगा दिया गया। किसान ग्वालियर हाईवे पर आकर फिर बैठ गए हैं। एक घंटे पहले किसानों ने हाईवे की एक लेन खोल दी थी। राजस्थान के धौलपुर और आगरा के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया था। हाईवे के दोनों तरफ लगभग 3-3 किमी लम्बा जाम लग गया था। दोनों राज्यो की सीमा पर पुलिस तैनात है।
वहीं किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं और किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। यह सभी किसान 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में होने जा रहे किसान रैली में भाग लेने जा रहे हैं। यह रैली हाल ही में पारित किसान कानून के खिलाफ बुलाई गई है। अखिल भारतीय किसान सभा, मध्य प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह का कहना है कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है, उत्तर प्रदेश सरकार बिना वजह इसमें अड़ंगा डाल रही है। किसानों का कहना है कि वह यूपी में आंदोलन करने नहीं आए। उन्हें किस आदेश के तहत रोका गया है, यह कोई बताने को तैयार नहीं है।