आगरा उत्तर प्रदेश टेक ज्ञान/ हैल्थ

1050 करोड़ रूपए से बन रहा आगरा का मिनी एम्स, जानिए क्या होगा खास?

  • कैंसर, किडनी, लिवर, हृदय समेत कई गंभीर रोगों का मिलेगा इलाज
  • 70 साल बाद मिनी एम्स का सपना साकार कर रही योगी सरकार

आगरा।* योगी सरकार द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर किया जा रहा है।एसएन मेडिकल कॉलेज और लेडी लायल की एकीकृत योजना 70 साल बाद साकार होने जा रही है। 1954 में एसएन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आए तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी। टेंडर के बाद कार्यदायी संस्था सर्वे कर मास्टर प्लान बना चुकी है। मिनी एम्स में 18 बहुमंजिला भवनों में बनेगा। गंभीर रोगों का इलाज ऑपरेशन के अलावा भविष्य में हृदय, किडनी समेत अन्य अंगों के प्रत्यारोपण की भी सुविधा मिलेगी। 

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज को मिनी एम्स के रूप में विकसित किया जा रहा है। मिनी एम्स 54 एकड़ में बनेगा। 20 एकड़ जमीन और अतिरिक्त है। इसमें से 5 एकड़ लेडी लायल को दी गई है। पहले चरण में 600 करोड़ और दूसरे चरण में 450 करोड़ की योजनाएं हैं। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश नियोजन विभाग कर रहा है। यह लोक निर्माण विभाग के अधीन है। अग्निशमन, पर्यावरण, एडीए समेत अन्य की एनओसी भी मिल चुकी है। जून में निर्माण शुरू होगा। इसमें कैंसर, किडनी, लिवर, हृदय, जले एसिड अटैक, बाल रोग, नेत्र रोग, मस्तिष्क रोग, पेट रोग के गंभीर रोगों के इलाज मिलेगा।

एसएन मेडिकल कॉलेज में पहले चरण में इमरजेंसी एंड ट्रामा सेंटर, सर्जरी एंड सर्जरी एलाइड ब्लॉक, मेडिसिन एंड मेडिसिन एलाइड ब्लॉक, क्रिटिकल केयर यूनिट, प्रशासनिक भवन, जिम और हॉस्टल का करीब 600 करोड़ रुपये का बजट है। वहीं दूसरे चरण में बाल रोग ब्लॉक, कैंसर रोग ब्लॉक, सर्जरी ब्लॉक, पैरामेडिकल ब्लॉक, फैकल्टी रेजीडेंसी, नर्सेज हॉस्टल और एसआर हॉस्टल बनेंगे। इसका बजट करीब 450 करोड़ रुपये है।

वहीं एमजी रोड से फव्वारा तक समानांतर सड़क बनेगी, जिससे बाहरी वाहनों का कॉलेज में प्रवेश बंद होगा। हरियाली विकसित की जाएगी। इमरजेंसी के पास से प्रवेश द्वार होगा। यहीं पार्किंग होगी। अंदर जाने को ई- वाहन मिलेंगे। बहुमंजिला इमारत को एक- दूसरे से जोड़ने के लिए भूमिगत या छत से कनेक्टिविटी की भी सुविधा होगी। इससे एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक तक आसानी से आवागमन होगा। एकीकृत योजना के बाद एसएन में 1900 बेड और यूजी- पीजी की 500 सीटें हो जाएंगी। अभी 850 बेड और 380 सीट हैं।

प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि एकीकृत योजना 2050 तक की चिकित्सकीय जरूरतों को देखकर बनाया जा रहा है। इसमें भविष्य में 1000 बेड और बढ़ाने की इमारतें बनाई जा सकेगी। अंग प्रत्यारोपण समेत गंभीर रोगों की सुविधा होगी और दूसरे राज्यों से भी मरीज आएंगे।