आगरा

आश्रम पर कब्जा करने की कोशिश में असामाजिक तत्व, समिति के पदाधिकारियों ने जताया रोष

आगरा: कमला नगर क्षेत्र के लश्कर पुर स्थित श्री श्री 1008 केवलानंद गरीबानंद सेवा समिति के आश्रम पर अब कुछ असामाजिक तत्व के लोगों की नजरें गढ़ गई हैं। समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों के लोग तरह-तरह से आश्रम की दुकानों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर समिति के सदस्य लामबंद हो गए हैं, अब उन्होंने कानून की मदद लेने की बात कही है

वाटर वर्क्स स्थित एक रेस्टोरेंट में श्री श्री 1008 केवलानंद गरीबानंद सेवा समिति के कोषाध्यक्ष निन्नू प्रसाद ने बताया कि आश्रम को लश्करपुर के किसान मंगलदास पुत्र महाराम ने खसरा संख्या 198 से 10 विस्से भूमि अपने गुरु केवलानंद महाराज को वर्ष 1956 में मौखिक रूप से दान दी थी। आश्रम में गुरु केवलानंद महाराज की मृत्यु के बाद उनकी समाधि भी बनाई गई। गुरु केवलानंद महाराज के आश्रम और समाधि की देखरेख उनके शिष्य गरीबानंद ने अपने वृद्ध होने के चलते वर्ष 1991 इस आश्रम की जिम्मेदारी सात सदस्यों को लिखित रूप में दी। उन सदस्यों ने इस आश्रम के संचालन करने लगे कुछ वर्षों के बाद इन सात सदस्यों ने पूरे आश्रम और समाधि स्थल के अलावा परिसर में बनी 12 दुकानों की जिम्मेदारी संस्था के दो लोगों को सौंपते हुए अपने को जिम्मेदारी से मुक्त कर लिया। संस्था के सभी सदस्यों ने 17 जून 2009 को आश्रम की एक समिति को पंजीकृत कराया, जिसमें संस्था के सभी सदस्यों को नामित भी किया गया।

संस्था के सचिव ब्रह्म स्वरूप ने बताया कि इस संस्था के सदस्य पूरन चंद निवासी लश्करपुर का वर्ष 2015 में निधन हो जाने के बाद उनके पुत्र परमानंद उर्फ बंटी और रविंदर उर्फ रिंकू हाल निवासी लश्करपुर 2019 में आश्रम में आकर अपना अधिकार और कब्जा करने लगे। इसको लेकर आश्रम के सदस्यों ने विरोध किया तो दोनों भाइयों ने आश्रम के लोगों को बुरा भला कहा। इस पर आश्रम समिति के सभी सदस्यों ने न्यायालय की शरण ली है, जिसका अभी तक विवाद चल रहा है।

संस्था के उपाध्यक्ष मनोप्रकाश ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दोनों भाई मिलकर आश्रम की दुकानों पर कब्जा करने की नियत से दुकानदारों पर रंगदारी दिखाते हुए उनसे किराए और अवैध रूप से रंगदारी मांगते हैं। इतना ही नहीं दो दिन पूर्व दोनों भाईयों ने अपने सहयोगियों की मदद लेकर एक दुकान पर अपना ताला भी डाल दिया है। इसको लेकर संस्था के माध्यम से कानून की मदद ली जा रही है। इस मामले में दूसरे पक्ष के लोगों से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन कोई भी व्यक्ति सामने नही आया।