आगरा धर्म

कोरोना संक्रमण के चलते फीका पड़ा गणेश चतुर्थी का त्यौहार, नही लगेंगे पंडाल

आगरा (बृज भूषण): गणेश चतुर्थी में अब एक दिन शेष है। 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते शहर में जगह-जगह लगने वाले पंडाल नही सजाए जाएंगे। लोग अपने घरों में विघ्नहर्ता की मूर्तियां विधि-विधान से स्थापित करेंगे। आगरा में भी गणेशोत्सव की खासी धूम रहती है। इसके लिए शहर में कई स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं।

आगरा के बाइपास रोड किनारे, छिली ईंट रोड, नामनेर, आवास विकास कॉलोनी आदि स्थलों पर काफी समय से कारीगर इन्हें अंतिम रूप देने में जुटे हैं। बाजार में गणेश की विभिन्न लीलाओं की मूर्तियां मौजूद है। बाल गणेश, एक दंत गणेश, मोदक गणेश, महाराजा गणेश और मूसक सवार गणेश मौजूद है। मूर्तिकार कनिया ने बताया कि इस बार बाजार में बड़ी मूर्तियों की अपेक्षा गणेेश जी की छोटी मूर्तियां ज्यादा मौजूद है। जिनकी कीमत 100 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक है।

वहीं प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्तियों पर रोक के बाद अब मिट्टी, कागज व लकड़ी से बनी गणेश मूर्तियों की डिमांड बढ़ गई हैं। यहां से महाराष्ट्र, दिल्ली, लखनऊ, ग्वालियर तक मूर्तियां भेजी जाती हैं। शहर में ऐसे कई लोग हैं जो कई वर्षो से ईको-फ्रेंडली मूर्तियां बनवा रहे हैं।

समय के साथ मूर्ति बनाने में भी बदलाव आया है। सालों से पहले बनने वाली सादा गणेश प्रतिमा की बजाय अब लोग चमक-दमक वाली मूर्ति पसंद कर रहे है। एक प्रतिमा में कई तरह के रंगों का इस्तेमाल होता है। मुकुट से लेकर आंख तक हर चीज में फिनिशिंग का ध्यान रखा जाता है। इसके लिए अब स्प्रे द्वारा रंग किया जाता है।