आगरा: स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के लिए आगरा नगर निगम द्वारा जिन गाड़ियों की खरीद हुई, उनका इस्तेमाल स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में भी पूरी तरह से शुरु नहीं हुआ है। आगरा के जूता मंडी के सामने स्थित आइडीएच कार्यालय में कूड़ा गाड़ियां कबाड़ में तब्दील हो रही है। आगरा नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग से तीन करोड़ की लागत से 1500 कूड़ा गाड़ियां खरीदी गई थीं। एक गाड़ी में छ: कंटेनर है। इसमें सूखा, गीला और घरेलू विषैला कूड़ा अलग-अलग रखा जा सकता है। एक कंटेनर की क्षमता 50 लीटर है पहले चरण में 600 गाड़ियां मिलीं। जिसमें 175 गाड़ियां ही फील्ड में उतर सकीं हैं। कई रिक्शे तो खड़े खड़े ही कंडम हो गए है।
नवनियुक्त नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे भी मानते है कि जल्द ही इन रिक्शा को हेंडओवर किया जायेगा। क्योंकि कोई भी सामान अगर खुले आसमान के नीचे रखा रहेगा तो खराब होने की पूरी संभावना है। एक- दो दिन में इन ही ये काम पूरा कर लिया जायेगा।
बतां दें कि हाल ही में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन घोटाले की जांच शुरु हो गई है। पुलिस ने चार कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें तीन कंपनी झांसी और एक कंपनी ग्वालियर की है। एक साल पूर्व कंपनियों ने जो बिल निगम प्रशासन को जमा कराए इनका बिना सत्यापन ही भगतान कर दिया गया। निगम अधिकारियों ने एक बार भी इसकी जांच नही की, अब पुलिस की जांच में ऐसे अधिकारी सामने आएंगे।