अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बहुप्रतीक्षित भूमि पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शुभ घड़ी में किया। उन्होंने नौ शिलाओं को स्पर्श कर गर्भगृह स्थल पर प्रतिष्ठित किया। इसमें शिलाओं के साथ ही चांदी के नाग-नागिन तथा कछुए को भी नींव में रखा गया। इसके बाद उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि की पवित्र मिट्टी को माथे पर लगाया। इसमें देश की पवित्र नदियों का जल व मिट्टी का इस्तेमाल भी किया गया। करीब 25 मिनट चले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने शुरू में गणेश पूजन, वास्तु पूजन, नौ ग्रह पूजन मंत्रोच्चार के बीच किया। फिर अविजित मुहुर्त में पीएम ने शिलाओं को स्पर्श कर इन्हें नींव में रखा।
सभी शिलाओं का पूजन 1989 में शिलापूजन कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ था, जिसे बुधवार को नींव में प्रतिष्ठित किया गया। भूमि पूजन कार्यक्रम उसी स्थल पर हुआ, जहां पुराने ढांचे में रामलला विराजमान थे। भूमिपूजन के दौरान यजमान अशोक सिंहल ट्रस्ट के सलिल सिंहल सप्त्नीक रहे।विद्वानों के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
भूमि पूजन से पूर्व पीएम मोदी ने हनुमान गढ़ी में बजरंगबली का माथा टेककर उनसे रामकाज की अनुमति ली। पीएम मोदी ने रामलला के दर्शन किए और साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे प्रधानमंत्री ने रामलला का दर्शन करने के बाद देवदुर्लभ प्रजाति का पारिजात पौधा रोपित कर स्वस्थ पर्यावरण का संदेश दिया। उन्होंने बाकायदा रोपित पौध को पवित्र नदियों के जल से सींचा।
भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के नए माॅडल का डाक टिकट व कवर जारी किया। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि इस टिकट की कीमत पांच रुपए है, जिसे अयोध्या शोध संस्थान व श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से प्राप्त किया जा सकता है। इस मौके पर पीएम ने मंदिर निर्माण व कार्यारम्भ के शिलापट का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को कोदंड राम की प्रतिमा भेंट की, इसे कर्नाटक से मंगाया गया था।