आगरा

नट समाज की महिला का अन्य समाज के दबंगों ने नही होने दिया अंतिम संस्कार

आगरा: जातिवाद का जहर समाज में इस तरह घुल चुका है कि ऊंची जाति के श्‍मशान घाट तक में दूसरी जाति के शव जलाए तक नहीं जा सकते। मामला आगरा के थाना अछनेरा क्षेत्र के रायभा गांव का है। 20 जुलाई को रायभा गांव की नट समाज की 25 वर्षीय महिला पूजा की मौत हो गई। दोपहर के समय स्वजन उसको अंतिम संस्कार के लिए पास के शमशान में ले गए। चिता बनाकर शव को चिता पर रख लिया। मुखाग्नि देने की तैयारी चल रही थी। तब तक गांव के ही ठाकुर समाज के लोग पहुंच गए। उन्होंने अंतिम संस्कार का विरोध किया। लोगाें का कहना था कि ये शमशान ठाकुर समाज के हैं। इसमें उन्हें अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे। दबंगई से उन्होंने मृतका के परिजनों को अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। मगर, पुलिस भी वहां मूकदर्शक बनी रही। 

जानकारी होने पर ग्राम प्रधान के पति बनवारी जादौन भी पहुंच गए और नट समाज काे आश्वासन दिया कि जल्द ही उनको भी शमशान के लिए ग्राम समाज की जमीन दे देंगे। अभी वे गांव के मजरा नगला लालदास में स्थित शमशान में ही अंतिम संस्कार करें। काफी देर तक बातचीत चली और इसके बाद नट समाज के लोगों ने शव को चिता उसे उठा लिया। वे अपने मूल गांव नगला लालदास में शव को ले गए और अंतिम संस्कार किया।

लेकिन इस पूरी घटना ने समाज में अभी भी फैले जातिवाद के जहर को जरुर सामने ला दिया। वहीं इस मामले में आगरा पुलिस की भूमिका पर भी लोग सवाल उठा रहे है।