आगरा: इंटरनेशनल नर्सेज डे पर ‘वॉन वैलेक्स जर्मनी ग्रुप’ ने नर्सेज, डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को अनोखी भेंट दी। आगरा में 200 जोड़ी और लखनऊ में 500 जोड़ी जूता-चप्पल दिए गए। द नेचुरो ब्रांड के जूता-चप्पल कोरोना योद्धाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इन्हें कुछ देर पहनने से ही रक्तसंचार बढ़ता है, शारीरिक व्यायाम होता है और थकावट भी नहीं होती है। कंपनी ने कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों को 10 हजार जोड़ी जूता-चप्पल दान किए हैं।
कंपनी के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार जैन ने बताया कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ (एसजीपीजीआई) को 500 जोड़ी जूता-चप्पल भेंट किए गए हैं। आगरा में कंपनी की ओर से निखिल जैन ने डॉ. नवीन गर्ग को यह भेंट दी। जब उन्हें जूता-चप्पल की खूबियां बताई गईं तो आश्चर्यचकित रह गए। डॉ. गर्ग ने वॉन वैलेक्स जर्मनी ग्रुप को सराहते हए कहा- नर्सेज डे पर इस तरह की भेंट अद्भुत है।
कंपनी के चेयरमैन राजकुमार जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भेजे गए हैं। कंपनी की ओर से विमल जैन और दीपक जैन ने आगरा के जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल) में डॉ. कंचन और एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग में हेड नर्स फ्रीडा को 100-100 जोड़ जूते-चप्पल दिए गए। इससे पहले जिला अस्पताल को 150 जोड़ी जूता-चप्पल प्रदान किए जा चुके हैं।
वहीं कंपनी के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि वॉन वैलेक्स जर्मनी ने कोविड प्रभावित राज्यों पर विशेष ध्यान दिया है। उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक राज्यों में जूता-चप्पल भेजे गए हैं। ये जूता-चप्पल चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट और गंभीर कोरोना मरीजों के लिए वरदान की तरह हैं। इन्हें कपड़े की तरह धोया जा सकता है। सैनीटाइज किया जा सकता है। इन्हें पहनकर लम्बे समय तक बिना थके खड़ा रहा जा सकता है। नर्सेज डे पर कंपनी की ओर से कोरोना योद्धाओं के लिए यह छोटी सी भेंट है।