- हार्ट अटैक के मरीजों में 50 प्रतिशत युवा
- धूम्रपान और कम नींद लेने से जम रहे खून के धक्के
- तनाव के साथ फास्ट फूड के अत्यधिक सेवन से बढ़ी समस्या
- कार्डिकॉन 2024 में विशेषज्ञ कर रहे हदृय रोगों पर मंथन
आगरा। अब हार्ट अटैक के मरीजों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है। 50 प्रतिशत युवा हार्ट अटैक के शिकार हो रहे है। इनमें वह मरीज अधिक है, जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में हार्ट अटैक पड़ने के बाद 25 प्रतिशत मरीजों की ही जान बच पा रही है। अब इसे रोकने के लिए हृदय रोग विशेषज्ञों ने मथन शुरू कर दिया है। होटल जेपी पैलेस में शनिवार से शुरू हुए कार्डियोलाजिकल सोसाइटी आफ इंडिया, यूपी चैप्टर के दो दिवसीय कार्यशाला कार्डिकॉन 2024 में युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई गई।
मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा. रामाकांत पांडा ने बताया कि 30 वर्ष पहले भारत में हार्ट अटैक के मरीज बहुत कम थे लेकिन अब युवाओं में हृदय रोग की समस्या अमेरिका से भी ज्यादा है। जिन मरीजों की बाईपास हार्ट सर्जरी की जा रही है भारत में उनकी उम्र 50 से 55 वर्ष है। अमेरिका में 60 से 65 वर्ष के मरीजों की सबसे ज्यादा बाईपास सर्जरी हो रही है। महिलाओं में मीनोपाज 45 वर्ष के बाद हृदय रोग की समस्या बढ़ी है।
पद्म भूषण डा. रामाकांत पांढा ने बताया कि हार्ट अटैक से बचने के लिए युवाओं को चार काम करने हैं। व्यायाम करें, व्यायाम करने से तनाव भी कम होता है। 30 मिनट से एक घंटा योगा करें, इसके साथ ही अपने काम को समय पर कर लें, तनाव मुक्त रहने के प्रयास करें। घर का बना हुआ वह भी प्राकृतिक खाद्य पदार्थ का सेवन करें। फास्ट फूड, अधिक चिकनाई और नमक वाले खाने का सेवन न करें। समस् तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन न करें।
कार्यशाला में आटिफिशियल इंटेलीजेंसी की मदद से हार्ट अटैक का पहले से पता लगाने सहित अन्य इलाज की तकनीकी पर चर्चा की गई। आयोजन अध्यक्ष डा. वीनेश जैन, सचिव डा. हिमांशु यादव, डा. अतुल कुलश्रेष्ठ, एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. मृदुल चतुर्वेदी, डा. सीआर रावत, डा. डीपी अग्रवाल आदि मौजूद रहे।