आगरा (रोमा): ताजनगरी में आयोजित ‘स्टेकहोल्डर्स आउटरीच कार्यक्रम’ में शिरकत करने पहुंची केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने भारत यूएई और भारत ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमिक्स एवं ट्रेड अनुबंधों का लाभ उद्यमियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक जिले को निर्यात का केंद्र बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त पहल की गई है। देश के कुल निर्यात में अकेले उत्तर प्रदेश की 5% भागीदारी है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के माध्यम से केंद्र एवं प्रदेश सरकार 10 लाख नए रोजगार सृजन कर रही है। इससे आयात- निर्यात में इजाफा होगा।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आगरा में लेदर फुटवियर, हैंडीक्राफ्ट, कालीन, फिरोजाबाद ग्लास उद्योग से जुड़े निर्यातक इन करार का फायदा उठाएं। केंद्र सरकार हर जिले को निर्यात का केंद्र बनाने के लिए सहयोग करेगी। अनुप्रिया पटेल के साथ मंत्रालय के अधिकारियों ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए करार की जानकारी दी और निर्यात में बढ़ोतरी की संभावनाएं बताई। उन्होंने कहा कि हमारा 2030 तक का एक बड़ा टारगेट 2 ट्रिलियन डॉलर का है, जो मर्चेंडाइज और सर्विस एक्सपोर्ट प्राप्त करने का है।
आगरा सांसद एवं केंद्रीय कानून राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने आगरा में आर्टिजन स्कूल या यूनिवर्सिटी खोलने की मांग की, ताकि कारीगरों का हुनर निखर सके। उन्होंने कहा कि देश में जाति आधारित व्यापार हैं। लकड़ी, जूता, बर्तन, मार्बल हैंडीक्राफ्ट, कांच आदि का काम पीढ़ी दर पीढ़ी चल रहा है। उद्योगों के विकास का पहिया ना रुके, इसके लिए योजनाओं के सरलीकरण के साथ आगरा की फाइलों का निस्तारण जल्द करा दें। साथ ही उन्होंने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था और बिजली के कारण उद्योगों के लिए यह स्वर्णिम युग है।
बता दें देश में आयात पर 5% इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया गया है। इससे उद्यमी खुलकर आयात कर सकेंगे। यूएई की आबादी महज 95 लाख है। वहां भी एक तिहाई भारतीय हैं। एफटीए से उन्हें भी लाभ मिलेगा। उन्हें भी वहां पर सकारात्मक बदलाव देखने के लिए मिलता है। इसलिए एफटीए होना बेहद जरूरी है। वही यूएई के जरिए दुनिया के कई बाजारों का रास्ता खुलता है। ये करार दुनिया में सबसे कम 88 दिनों में होने वाला करार है।