आगरा: विजयनगर कॉलोनी स्थित विजय क्लब हनुमान मंदिर में रुक्मणी मंगल कथा का आयोजन किया गया। शुक्रवार को मित्तल परिवार द्वारा आयोजित रुक्मणी मंगल कथा के पहले दिन जोधपुर से पधारे कथा व्यास श्री राधा कृष्ण जी महाराज ने श्री कृष्ण और श्री रुक्मणी देवी के बीच प्रेम कैसे हुआ का प्रसंग सुनाया।
कथा वाचक श्री राधा कृष्ण जी महाराज ने कहा, आत्मा से परमात्मा का मिलन ही रुकमणी मंगल है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के साथ हमेशा देवी राधा का नाम आता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं में यह दिखाया भी था कि श्रीराधा और वह दो नहीं बल्कि एक हैं। लेकिन देवी राधा के साथ श्रीकृष्ण का लौकिक विवाह नहीं हो पाया। देवी राधा के बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय देवी रुक्मणी हुईं। देवी रुक्मणी और श्रीकृष्ण के बीच प्रेम कैसे हुआ इसकी बड़ी अनोखी कहानी है। इसी कहानी से प्रेम की नई परंपरा की शुरुआत भी हुई।
देवी रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी। रुक्मिणी अपनी बुद्धिमता, सौंदर्य और न्यायप्रिय व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थीं। रुक्मिणी का पूरा बचपन श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की कहानियां सुनते हुए बीता था। जब विवाह की उम्र हुई तो इनके लिए कई रिश्ते आए लेकिन उन्होंने सभी को मना कर दिया। उनके विवाह को लेकर माता-पिता और भाई चिंतित थे। बाद में रुक्मणी का श्री कृष्ण से विवाह हुआ।
इस दौरान डाॅक्टर राम निवास मित्तल, समस्त मित्तल परिवार, संजय गोयल एवं अन्य पारिवारिक मित्र और रिश्तेदार मौजूद रहे।