आगरा (रोमा): ‘जाको राखे साईंयां मार सके न कोय’… यह कहावत एक बार फिर सच हो गई। बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक दो साल के मासूम को उसके ही भाई ने खेलते- खेलते चलती ट्रेन के सामने फेंक दिया। ये देखकर मालगाड़ी के लोको पायलट ने सूझबूझ के साथ इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और बच्चे की जान बचा ली और बच्चे को सकुशल उसकी मां को सौंप दिया। बाद में जब ट्रेन आगरा पहुंची तो उसने इसकी लिखित जानकारी आगरा रेलवे मंडल के अधिकारियों को दी।
लोको पायलट दीवान सिंह और अस्सिटेंट लोको पायलट अतुल आनंद 21 सितंबर को मालगाड़ी को फरीदाबाद से लेकर चले थे। इसी दौरान बल्लभगढ़ स्टेशन के पास अचानक ही एक 15 साल के किशोर ने अपने 2 साल के मासूम भाई को उछालकर ट्रैक पर फेंक दिया। यह देखकर मालगाड़ी में तैनात आगरा मंडल के लोको पायलट दीवान सिंह ने तत्काल ब्रेक लगाकर बच्चे को बचा लिया। फिर बच्चे को सकुशल उसकी मां को सौंप दिया। घटना का वीडियो वायरल होने पर लोको पायलट की रेलवे मंडल में प्रशंसा हो रही है।
इस पूरी घटना की जानकारी उसने आगरा छावनी स्टेशन पर वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता उत्तर मध्य रेलवे को वीडियो समेत लिखित जानकारी दी। वहीं आगरा रेल मंडल के पीआरओ/ डीसीएम एस.के. श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों लोको पायलट ने ये कार्य करके मानवता की मिसाल दी है। इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें विभाग द्वारा सम्मानित किया जायेगा।
लोको पायलट द्वारा किए गए इस अतुलनीय कार्य की सोशल मीडिया पर भी जमकर तारीफ हो रही है। वहीं इस घटना की जानकारी आगरा में हुई तो उनके स्टाफ के सहयोगी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।