आगरा: उत्तर प्रदेश में राजनाथ सिंह की सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे डॉ. रामबाबू हरित को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/ जनजाति (एससीएसटी) आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. रामबाबू हरित के मनोनयन पर हर्ष जताया है और उन्हें बधाई दी।
आगरा के शाहगंज क्षेत्र में रहने वाले डॉ. रामबाबू हरित पेशे से चिकित्सक है। वे वर्तमान में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। डॉ. हरित का राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 में हुई। वह सन् 1989 भाजपा से सभासद का चुनाव जीते और सन् 1992 में डिप्टी मेयर बने। आगरा की पश्चिम विधानसभा सीट से वह तीन बार विधायक चुने गए। इस दौरान राजनाथ सिंह सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे।
वह वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बसपा में शामिल हो गए लेकिन कुछ ही समय बाद उन्होंने भाजपा में वापसी कर ली। तभी से वह संगठन में रहकर कार्य कर रहे थे। अब उन्हें आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।
चुनावी साल में भाजपा सभी वर्गों को साधने मे लगी है। वह किसी भी वर्ग को नाराज़ नही करना चाहती है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में आगरा जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक चुने गए। आगरा व फतेहपुरसीकरी लोक सभा सीट पर भाजपा के ही दोनों सांसद है। वहीं राज्यसभा में भी आगरा को प्रतिनिधित्व दिया गया। इसके साथ ही आगरा के दो विधायकों को मंत्री पद भी दिए गए।
वहीं पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने पहले ही आगरा के डॉ. धर्मवीर प्रजापति को विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनयन कराया है। अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनुसूचित जाति के गढ़ माने जाने वाले आगरा से डॉ. रामबाबू हरित को एससीएसटी आयोग का अध्यक्ष बनाकर राजनीतिक गणित साधने की कोशिश के रुप मे देखा जा रहा है।
डॉ. हरित को एससीएसटी आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन, भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक पिप्पल, गजेंद्र पिप्पल, राजकुमार खंडेलवाल, गौरव राजावत, अशफाक सैफी आदि ने हर्ष जताया है।
वहीं मथुरा के पूर्व विधायक श्याम सिंह अहेरिया यूपी एससीएसटी आयोग के सदस्य के रुप में नामित किए गए हैं। पूर्व विधायक के सदस्य नामित होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।