- चलती ट्रेन में आग, खिड़की से कूदकर यात्रियों ने बचाई जान
- 150 यात्रियों के लिए ‘देवदूत’ बने यशपाल, अग्निशमन यंत्र से आग बुझाने की कोशिश
- दो साल पहले शताब्दी के एसएलआर कोच में लगी थी आग
आगरा (आगरा अपडेट डेस्क): झांसी रेलवे ट्रैक स्थित भांडई रेलवे स्टेशन के नजदीक बुधवार दोपहर गाड़ी नंबर 14624 पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन की दो जनरल बोगियों में चीख-पुकार मच गई। ट्रेन में अज्ञात कारणों से आग लग गई थी। ट्रेन को तुरंत रोका गया और यात्री अंदर से बाहर निकलने लगे। कुछ यात्रियों ने तो खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। इस हादसे में 11 लोग आग की चपेट में आने से झुलस गए, लेकिन उनकी जान बच गई। घायलों यात्रियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं, मौके पर पहुंचे रेल प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से ट्रेन के कोचों में लगी आग को बुझाने का प्रयास शुरू किया। तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। ये आग कैसे लगी इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए फोरेंसिक टीम ने आठ नमूने लिए हैं।
पातालकोट एक्सप्रेस के जनरल कोच में आग लगने की घटना की जांच करने के लिए फोरेंसिक टीम पहुंची। टीम ने कोचों में फर्श, सीट और अन्य जगह से नमूने लिए। इनकी जांच फोरेंसिक लैब में की जाएगी। यह पता किया जाएगा कि कहीं कोई ज्वलनशील रसायन और विस्फोटक तो नहीं था। डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि चार दमकलों ने आग पर काबू पाया। दो यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीम ने आठ नमूने लिए हैं। कोचों में अधजली चीजें मिली थीं। फोरेंसिक टीम इनकी जांच करेगी।
भांडई रेलवे स्टेशन पर आग के बाद यात्रियों को तत्काल इलाज के लिए आगरा कैंट से रेलवे की मेडिकल टीम को रवाना किया गया था। टीम ने कई यात्रियों का प्राथमिक उपचार किया। पातालकोट एक्सप्रेस में आग के करण कई यात्रियों का सामान जलकर राख हो गया। महिला यात्री ने बताया कि भगदड़ में वह अपना बैग ही ले पाई बाकी सामान जल गया।
कोच में आग की लपटें देख ट्रेन में टीटी ने तुरंत अग्निशमन यंत्र से आग बुझाने का प्रयास किया। कोच में बहुत अधिक धुआं बढ़ जाने के कारण वह करीब 10 मिनट तक ही कोच में रह सका। उसने कई यात्रियों को भी कोच से बाहर निकाला। टीटी का वीडियो वायरल हो रहा है।
पातालकोट एक्सप्रेस में हुए अग्निकांड का कोई स्पष्ट कारण अभी तक रेलवे की ओर से नहीं बताया गया है। माना जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट या फिर किसी यात्री के बीड़ी आदि फेंकने से कोच में आग लगी जो की तीन अन्य कोचों तक फैल गई। हादसे के बाद घटनास्थल पर डीआरएम, एडीआरएम प्रशासन और एडीआरएम परिचालन, सरक्षा आयुक्त समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए थे। हादसे के पीछे कारण जानने के लिए ज्वाइंट नोट तैयार किया जा रहा है।
यात्री ट्रेन में आग लगने की घटना साधारण नहीं है। करीब दो साल पहले शताब्दी ट्रेन के एसएलआर कोच में आग लग गई थी। इसके बाद रेलवे ने पार्सलों को भलीभांति चेकिंग शुरू कर दी। जनरल कोच में दैनिक यात्री भी कई बार प्रतिबंधित वस्तुएं यात्रा में ले जाते हैं।