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अंतरराष्ट्रीय फुटवेयर फेयर ‘मीट एट आगरा- 2023’ का हुआ भव्य शुभांरभ

  • केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने फेयर का किया उद्घाटन
  • सरकार की नीतियों के चलते बढ़ रहा जूता उद्योग का निर्यात- एसपी सिंह बघेल
  • उद्योगों के लिए सबसे अनुकूल उत्तर प्रदेश, दो सालों में चाइना को मात देगा भारत- एसपी सिंह बघेल

आगरा (रोमा)। फुटवियर ट्रेड के महाकुंभ कहे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय फेयर मीट एट आगरा के पन्द्रहवें संस्करण की आगरा ट्रेड सेंटर में शुक्रवार से शुरुआत हो गई। इंटरनेशनल फेयर ‘मीट एट आगरा 2023’ का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के चलते जूता उद्योग का निर्यात बढ़ रहा है। उन्होंने आगरा के लेदर फुटवियर को मिले भौगोलिक संकेत यानि जीआई टैग के लिए उधमियों को बधाई भी दी। साथ ही कहा कि आगरा के साथ आस- पास के जिलों के अन्य उत्पादों को भी जीआई टैग मिलना चाहिए। इस फेयर में 30 से अधिक देश और लगभग 220 से अधिक एग्जीबिटर्स ने शिरकत की हैं। आगरा फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (एफमेक) द्वारा सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर आयोजित हो रहा तीन दिवसीय फेयर मीट एट आगरा 27 से 29 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, एफडीडीआई के सचिव एवं प्रबंध निदेशक पंकज सिन्हा, प्रसिद्ध जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. रजनी कांत द्विवेदी, एलएसएससी के अध्यक्ष पीआर अकील अहमद, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, ऑर्गनाइजिंग कमेटी के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने विशेष रूप से मौजूद रहे।

मीट एट आगरा 2023 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि तेजी से बढ़ती भारत भारतीय अर्थव्यवस्था के बीच भारत विश्व की ग्लोबल फैक्ट्री के रूप में उभर रहा है। आज हम कह सकते हैं यह भारत की सदी है। केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के चलते जूता उद्योग का निर्यात बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि अगर देश की खुशहाली का रास्ता खेत, खलियानों से होकर जाता है, तो देश की तरक्की का रास्ता एमएसएमई से होकर जाता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी जी ने एमएसएमई को बहुत सारी सहूलियत दी है, बहुत सारा बजट दिया है। उत्तर प्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपी इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है। यहां बिजली पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। लॉ एंड आर्डर के मामले में सबसे अच्छा है। जिससे उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल है।

फुटवेयर उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में दूसरा स्थान रखता है। वहीं क्वालिटी फुटवेयर के मामले में भारत के अलावा दुनिया में कोई और नही है। उन्होंने कहा कि हम साल- दो साल में चाइना को बीट करेंगे और अब हमारा निर्यात 9 बिलियन को पार कर चुका है। आगरा की फुटवेयर इंडस्ट्री का इसमें बहुत बड़ा योगदान है। साथ ही उन्होंने आगरा फुटवियर को मिले भौगोलिक संकेत यानि जीआई टैग के लिए उधमियों को बधाई भी दी।

आगरा फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (एफमेक) के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि आने वाले सालों में दुनिया भर में फुटवियर के व्यापार में तेजी आने का अंदेशा लगाया जा रहा है। लेकिन दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत का फुटवियर उद्योग कई गुना ज्यादा तेजी से बढ़ेगा। 2030 तक लगभग 13 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ भारत में फुटवियर उद्योग 8 गुना बढ़ने की उम्मीद है जबकि फिलहाल विश्व में फुटवियर उद्योग 2.8 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ बढ़ रहा है जबकि भारत में अभी 9.8 फ़ीसदी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट के साथ बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का जूते का कारोबार है। जिसमें 4 से 5 हजार करोड़ रुपये का सालाना निर्यात होता है। यूरोप सहित दुनियाभर के देशों में आगरा के जूते की खास पहचान है। पांच लाख से अधिक लोग जूता निर्माण से जुड़े हुए हैं।

वहीं जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. रजनी कांत द्विवेदी ने आगरा को मिले भौगोलिक संकेत यानी जीआई टैग मिलने पर एफमेक के प्रयासों की सराहना की उन्होंने कहा कि अब आगरा लेदर फुटवियर के नाम पर चमड़े के जूतों को जिले से बाहर कहीं और नहीं बनाया जा सकेगा। न जीआई टैग के साथ बेचा जा सकेगा। यह कानूनी अधिकार सिर्फ आगरा के जूता निर्माताओं और शिल्पियों को मिला है। एलएसएससी के अध्यक्ष पीआर अकील अहमद ने कहा कि भारत फुटवियर और चमड़े के परिधान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में दुनिया की टेनरी का हिस्सा लगभग 3 बिलियन वर्ग फुट है। देश में लगभग 7,000 लघु उद्योग इकाइयां फुटवियर क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा आय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

वहीं एफडीडीआई के सचिव एवं प्रबंध निदेशक पंकज सिन्हा ने कहा कि भारत में स्किल की कमी नहीं है। हमें अपनी हुनर को निखाकर भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था में सहभागी बनने की जरुरत है। वहीं देश में पांच लाख जोड़ी जूता प्रतिदिन बनाकर दुनियां के सबसे बड़े जूता निर्यातक बने। सीआईएफआई के अध्यक्ष वी. नौशाद ने अपने अनुभव साझा करते हुए 1000 जोड़ी के प्रोडक्शन से किस प्रकार 5 लाख जोड़ी प्रतिदिन का लक्ष्य को हासिल के गुर उद्यमियों से साझा किये। ऑर्गनाइजिंग कमेटी के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने बताया कि इस फेयर में इस बार 220 एग्जीबिटर्स स्टॉल लगे हैं जिन पर देश के 100 से अधिक ब्रांड्स के उत्पादों का प्रदर्शन हो रहा है। इस एग्जीबिशन में आधुनिकता और इनोवेशन पर फोकस किया गया है। फेयर के पहले दिन कुल 3254 विजिटर पहुंचे। 

एक्सीलेंस इन फुटवियर एक्सपोर्ट में तीन जूता निर्यातकों को और एक्सीलेंस इन फुटवियर कंपोनेंट्स के एक उत्पादक को अवार्ड प्रदान किया गया।

एक्सीलेंस इन फुटवियर एक्सपोर्ट
– गोपाल गुप्ता – गुप्ता एचसी ओवरसीज
– गौतम मेहरा – लाइनर शू
– कुलबीर सिंह – रोज़र एक्सपोर्ट्स

एक्सीलेंस इन फुटवियर कम्पोनेंट्स
– कपिल पलवार- डीएसएम सोल

इस दौरान एफमेक के सचिव ललित अरोरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सहगल, सुधीर गुप्ता,सीएलई के रीजनल चेयरमैन मोतीलाल सेठी और एफएएफएम के अध्यक्ष कुलदीप सिंह कोहली, एएसएमए के अध्यक्ष ओपिंदर सिंह लवली, एफमेक के चन्द्रशेखर जीपीआई, अनिल मगन, दीपक मनचंदा, एसके वर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।