आगरा (रोमा): ताजमहल के ऑनलाइन टिकट खत्म हो जाने के बाद अब पर्यटकों को मायूस नहीं लौटना होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने नए साल में सैलानियों को तोहफा दिया है। एएसआई की नई व्यवस्था के तहत पर्यटक ऑनलाइन टिकट खत्म हो जाने के बाद, स्मारकों पर टिकट खिड़कियों के जरिए ऑफलाइन टिकट खरीद सकेंगे।
कोरोना काल में ताजमहल पर लागू की गई कैपिंग का लाभ स्मारकों पर घूम रहे लपके उठा रहे थे। जो कई गुना अधिक कीमत पर अवैध रुप से पर्यटकों को टिकटों की बिक्री कर रहे थे। 27 दिसंबर 2020 काे कैपिंग को बढ़ाकर 15 हजार किए जाने के बावजूद सैकड़ों पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ा रहा था। पर्यटकों के ताजमहल देखे बगैर लौटने से शहर की खराब होती छवि की चिंता पर्यटन उद्यमियों को सता रही थी। वो टिकट विंडो को खोलने की मांग कर रहे थे, जिससे कि लपकों पर कुछ लगाम लग सके। एएसआई द्वारा टिकट खिड़की खुल जाने का पर्यटन उद्यमियों ने स्वागत किया है।
एएसआइ ने शुक्रवार काे ताजमहल सभी स्मारकों पर टिकट विंडो खोलने का निर्णय लिया। स्मारकों पर लागू कैपिंग के अनुसार सभी टिकटें आनलाइन बुक होते ही टिकट विंडो खोल दी जाएंगी। ताजमहल पर सुबह के स्लाट में पांच हजार और दोपहर के स्लाट में 10 हजार पर्यटकों की कैपिंग लागू है। इन टिकटों की आनलाइन बुकिंग के बाद ही आफलाइन टिकटों की बिक्री टिकट विंडो खोलकर की जाएगी। इससे सभी टिकट बुक होने की स्थिति में पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना नहीं पड़ेगा। नववर्ष के पहले दिन आगरा किला, फतेहपुर सीकरी और सिकंदरा में दोपहर के स्लाट के सभी टिकट आनलाइन बुक होने के बाद एएसआइ ने टिकट विंडो खोल दी थीं।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल समेत सभी स्मारकों की कैपिंग अब ऑनलाइन टिकट बुकिंग तक सीमित रहेगी। कैपिंग के अनुसार टिकटें बुक होने के बाद ऑफलाइन टिकट बिक्री को टिकट विंडो खोली जाएंगी। इससे पर्यटकों को सहूलियत होगी और कोई पर्यटक स्मारकों को देखे बगैर वापस नहीं लौटेगा।
बता दें कि कोरोना के चलते बंद हुई स्मारकों की खिड़की 290 दिन बाद शुक्रवार को पर्यटकों के लिए खोल दी गईं। 17 मार्च को स्मारक बंद होने के साथ टिकट विंडो बंद हो गई थीं। कोरोना काल में खुले स्मारकों में केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग की व्यवस्था होने से टिकट विंडो नहीं खोली गई थीं।