फैजाबाद: भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो जुलाई को कर सकते है। संत, हिंदू धर्माचार्यों व ज्योतिषियों के मुताबिक दो जुलाई को आनंद योग में राम मंदिर का भूमि पूजन करना सर्वसिद्धिदायक होगा। रामजन्मभूमि मंदिर परिसर में समतलीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें इसके लिए आमंत्रण दिया है।
दरअसल दो मंजिल के प्रस्तावित श्रीराममंदिर की रूपरेखा पहले ही तैयार हो चुकी है। 212 पिलरों पर बनने वाले श्रीराममंदिर के लिए 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं। लगभग सवा लाख घनफुट पत्थरों की तराशी की जा चुकी है। पहली मंजिल का तराशी का काम लगभग पूरा हो चुका है। अभी 75 हजार स्कवायर घन फुट पत्थर तराशे जाने बाकी हैं। मंदिर 128 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा जबकि मंदिर की लंबाई 268 फीट की होगी।
दो जुलाई को चातुर्मास लग रहा है। इस दौरान चार माह तक कोई शुभ कार्य नहीं होगा। ऐसे में मुमकिन है कि देवताओं के शयन से ठीक पहले अयोध्या में भूमि पूजन हो जाए। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक देवशयनी एकादशी 30 जून की शाम 6:45 बजे लगेगी जो एक जुलाई को पूरे दिन रहेगी। इसे विष्णु शयनोत्सव के रूप में मनाया जाता है जो तीन दिन का होता है। इस उत्सव के क्रम में दो जुलाई को गुरू अनुराधा नक्षत्र का शुभ संयोग पड़ रहा है, इस दिन आनंद योग भी है, जो शुभ कार्यों के लिए सर्वसिद्घिप्रदायक है। इस दिन मध्याह्न में वामन भगवान का पूजन करने से एक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। ऐसे में दो जुलाई के दिन पीएम मोदी भूमि पूजन करते हैं तो यह शुभ फलदायी होगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं। पीएम मोदी को औपचारिक न्योता भेजा जा चुका है वह इसे स्वीकार भी कर चुके हैं। अगर यह मुहूर्त निकल गया तो फिर दीपावली के बाद ही भूमि पूजन हो सकेगा। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमि पूजन के लिए शुभ तिथि पर अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। अभी कोई तिथि तय नहीं हो पाई है। वहीं संत भी प्रधानमंत्री मोदी को शिलान्यास के लिए आमंत्रण देने की तैयारी में हैं, इसके लिए उनसे मुलाकात का भी मन बना रहे हैं।