उत्तर प्रदेश

राममंदिर को भव्यता देने के लिए डिजाइन में होंगे बदलाव, अब 161 फीट ऊंचा बनेगा मंदिर

अयोध्या: श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को हुई पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए 3 या 5 अगस्त को भूमिपूजन कराने पर सहमति बनी। वहीं संतों की ओर से हो रही मंदिर के विस्तार की मांग को भी ट्रस्ट ने गंभीरता से लिया। बैठक में तय किया गया कि मंदिर का मॉडल तो विहिप का ही रहेगा, मगर भव्यता देने के लिए डिजाइन में कुछ बदलाव किया जाएगा। अब मंदिर में तीन की जगह पांच गुंबद होंगे। इससे उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी। मंदिर के डिजाइन में विस्तार से उसकी ऊंचाई 128 फीट से बढ़कर 161 फीट हो जाएगी। गुंबद भी तीन से बढ़ाकर पांच किऐ जाने से मंदिर और बड़ा और भव्य हो जाएगा। ट्रस्ट के अनुसार चंद्रकांत सोमपुरा की टीम ही राममंदिर का निर्माण करेगी। सोमनाथ मंदिर को भी इन्हीं लोगों ने बनाया है।

राममंदिर के भूमिपूजन के लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता दिया है। उन्होंने कहा है कि भूमिपूजन की तारीख हमने तय करके न्यौता दिया है। अब कोरोना महामारी और देश व समाज की परिस्थिति को देखकर प्रधानमंत्री कार्यालय तारीख तय करेगा और उसी दिन भूमिपूजन होगा। वहां से प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे का कार्यक्रम जारी होने पर उसे सार्वजनिक किया जाएगा। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में सीमित लोगों को बुलाने का भी निर्णय हुआ है।

इसके साथ ही श्री रामजन्मभूमि परिसर स्थित करीब 12 प्राचीन जर्जर मंदिरों को अब गिराया जाएगा। यह निर्णय भी ट्रस्ट की बैठक में लिया गया है। बैठक में शामिल महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि परिसर में स्थित पौराणिक जर्जर मंदिर जिनमें 28 वर्षों से पूजा बंद है, उनको गिराने पर सहमति बन गई है। इन प्राचीन मठ-मंदिरों को ध्वस्त तो किया जाएगा, लेकिन इनमें विराजमान गर्भगृह को मंदिर परिसर में ही किसी स्थान पर स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना पहले की भांति प्रारंभ की जाएगी। इसके साथ ही संत समाज से भी चर्चा कर उनका मत लिया जाएगा।