आगरा उत्तर प्रदेश

ताजनगरी को आवारा कुत्तों से मिलेगी निजात, शुरू हुआ एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर

आगरा: ताजनगरी में आवारा कुत्तों के आतंक की समस्या को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया। अब आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने और उनकी बंध्याकरण यानी नसबंदी करने के लिए आगरा नगर निगम प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने चैरिटेबल वेलफेयर सोसाइटी फॉर ह्यूमन काइंड एंड एनिमल के सहयोग से छत्ता जोन में एक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर शुरू किया है। यहां रोजाना करीब 40 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा सकेगी।

आगरा की सड़कों पर आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। यह कुत्ते राह चलते लोगों को कब अपना शिकार बना दें यह कोई नहीं जानता। इनकी बढ़ती संख्या को देखकर नगर निगम ने कुत्तों का बंध्याकरण यानी नसबंदी का काम शुरू कर दिया है। नगर निगम प्रशासन ने शनिवार को चैरिटेबल वेलफेयर सोसाइटी फॉर ह्यूमन काइंड एंड एनिमल के सहयोग से छत्ता जोन के नंदलाल पुर, आशा का नगला में ‘एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर’ की शुरुआत की है। जिसका उद्घाटन अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रताप यादव ने फीता काटकर किया।

चार जोन में बांटे 100 वार्ड
अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रताप यादव ने बताया कि आगरा शहर में इस समय आवारा कुत्तों की अनुमानित संख्या 60 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है। इसको देखते हुए एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। यहां आवारा कुत्तों की बंध्याकरण (नसबंदी) करायी जाएगी। इस काम के लिए शहर के सौ वार्डों को चार जोन में बांटा गया है। हरीपर्वत, छत्ता, लोहामंडी और ताजगंज जोन में 25-25 वार्ड शामिल हैं। हर वार्ड में एक संस्था को कुत्तों के पकड़ने और नसबंदी की जिम्मेदारी दी जाएगी। हर दिन 30 से 40 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य है। अभी तक पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) शहरभर से जो भी कुत्ते पकड़े जाते थे उनकी नसबंदी करती थी। संस्था की टीम निगम के पशुपालन विभाग के कर्मचारियों का कुत्ते पकड़ने में सहयोग करेगी और कुत्तों की नसबंदी करेगी। 

चार एनजीओ से करार
सुरेंद्र प्रताप यादव ने बताया कि कुत्तों की नसबंदी के लिए चार संस्थाओं से करार किया गया है। यह चयनित संस्थाएं अपने-अपने जोन में आवारा कुत्तों की नसबंदी करेंगी। जिससे कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियन्त्रित किया जा सके। इससे कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने की घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों के लिए अलग से आश्रय घर भी बनाया जाएगा। जिसमें 300 से 500 कुत्तों के रहने की व्यवस्था रहेगी। इलाज और नसबंदी के बाद उन्हें उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा। इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। 

टीकाकरण भी हो सकेगा
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि आगरा में अब तीन एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर हो गए है। दयालबाग, लोहामंडी में पहले ही एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर शुरू हो चुके हैं। अब छत्ता जोन में तीसरा एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। एनजीओ द्वारा कुत्तों को पकड़कर इन एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर पर लाया जाएगा। यहां पर चार- पांच दिन में पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद कुत्ते को उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा जिस जगह से उसको लाया गया है। वहीं सभी कुत्तों का टीकाकरण भी किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा एनजीओ को प्रति श्वान 1139 रुपये अदा किए जाएंगे। यह पूरा प्रोजेक्ट दो साल का है। दो साल में उनका टारगेट है कि वह लगभग 60 हजार कुत्तों की नसबंदी करवाएंगे, जिससे कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लग सके।