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चीन की अर्थव्यवस्था को लगा बड़ा झटका

नई दिल्ली: भारत के साथ जारी विवाद के बीच चीन अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बड़ा झटका लगा है। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को वर्ल्‍ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में यूरोपीय संघ के साथ जारी विवाद में हार मिली है। चीन की इस हार के बाद उसका बाजार आधारित अर्थव्‍यवस्‍था का दर्जा खत्‍म हो गया है। चीन पिछले चार साल से यूरोपीयन यूनियन पर चीन को बाजार आधारित अर्थव्‍यवस्‍था स्‍वीकार करने का दबाव बना रही थी।

दरअसल यूरोपीय संघ का तर्क है कि चीन स्‍टील और एल्‍युमिनियम समेत अपने ज्यादातर उद्योगों को बहुत ज्‍यादा सब्सिडी देता है। इसके कारण अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में चीन के उत्‍पादों की कीमतें कम हो जाती है। अब चीन के खिलाफ आए इस फैसले के बाद यूरोपीय संघ और अमेरिका दोनों ही चीन के सामान पर भारी-भरकम एंटी-डंपिंग शुल्‍क लगा सकेंगे। इससे चीन के सामान की कीमतें बढ़ जाएंगी।

इस फैसले का चीन की अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका लगेगा। अभी हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि सीसीपी संयुक्‍त राष्‍ट्र, वर्ल्‍ड बैंक, आईएमएफ समेत कई अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍थानों में घुस चुका है। ऐसे में डब्‍ल्‍यूटीओ का ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की साख को झटका लगेगा। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी फैलाले के लिए चीन के खिलाफ बन रहे माहौल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बल मिलेगा।